पीएम मोदी का सख्त संदेश: “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते”, शक्ति से ही मिलती है शांति।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को चेताते हुए दिया स्पष्ट संदेश, कहा- अब भारत की नीति स्पष्ट है, आतंक और वार्ता साथ नहीं चल सकते

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर देश की सुरक्षा और संप्रभुता के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए पाकिस्तान को साफ संदेश दिया है कि अब भारत आतंकवाद और संवाद को एक साथ नहीं देख सकता। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते”, और यह बताया कि शांति का मार्ग शक्ति से होकर ही गुजरता है।

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भारत की नीति अब स्पष्ट: आतंकवाद का जवाब सख्ती से

प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान उस नीति को प्रतिबिंबित करता है जिसके तहत भारत कूटनीतिक स्तर पर शांति की बात करता है, लेकिन सीमा पार से आने वाले आतंक का मुंहतोड़ जवाब देने में भी अब हिचक नहीं रखता। उन्होंने कहा कि जब तक हमारे पड़ोसी देश आतंक को समर्थन देते रहेंगे, तब तक दोनों देशों के बीच स्थायी शांति संभव नहीं है।

शांति और संवाद की भाषा तब तक नहीं सुनी जाएगी, जब तक बंदूकें बोलती रहेंगी’

पीएम मोदी ने इस अवसर पर यह भी कहा कि भारत सदैव शांति का पक्षधर रहा है, लेकिन जब शांति की बात को कमजोरी समझा जाता है, तब भारत अपने सैनिक पराक्रम और रणनीतिक निर्णयों से उसका जवाब देने में सक्षम है।

पृष्ठभूमि: उरी से पुलवामा तक और फिर सर्जिकल स्ट्राइक

प्रधानमंत्री के इस बयान की पृष्ठभूमि में उरी हमला, पुलवामा आत्मघाती हमला, और उसके बाद की सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक हैं, जिसने यह दिखाया कि भारत अब नीति में बदलाव कर चुका है। अब दृढ़ प्रतिरोध ही रक्षा है, यही संदेश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत दे रहा है।

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नया भारत, नई नीति

पीएम मोदी ने कहा कि

अब भारत बदल चुका है, यह नया भारत है जो उकसावे पर चुप नहीं रहता, बल्कि उसका जवाब सीमाओं से पार जाकर देता है।

प्रधानमंत्री का यह बयान केवल पाकिस्तान को, बल्कि पूरी दुनिया को यह संदेश देता है कि भारत शांति की आकांक्षा रखता है, पर कमजोरी नहीं। भारत संप्रभुता की रक्षा के लिए कोई भी कदम उठाने को तैयार है।

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